सरायकेला: नीमडीह, चांडिल, ईचागढ़ और कुकड़ू प्रखंड के ग्रामीण जंगली हाथियों के आतंक से परेशान होकर सोमवार को सड़क पर उतर आए। खेतों की फसलें बर्बाद हो रही हैं, कई घर टूट चुके हैं और ग्रामीणों के घायल होने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। इन्हीं समस्याओं को लेकर जंगली हाथी भगाओ, किसानों की फसल बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले सैकड़ों ग्रामीणों ने कॉलेज मोड़ चांडिल से वन कार्यालय चांडिल तक पैदल मार्च किया और जोरदार नारे लगाए।
वन कार्यालय पहुंचने के बाद ग्रामीणों ने घेराव कर अपनी समस्याएं रखीं और ज्ञापन सौंपा। उन्होंने फसल बर्बादी पर प्रति एकड़ एक लाख रुपये मुआवजा, हाथियों द्वारा तोड़े गए घरों की तत्काल भरपाई, मृतक किसानों के आश्रितों को 25 लाख और घायलों को पांच लाख रुपये सहायता, गांवों में स्थायी सुरक्षा उपाय जैसे सायरन, सोलर लाइट और बचाव उपकरण की व्यवस्था तथा खेती छोड़ चुके किसानों को प्रति एकड़ तीस हजार रुपये वैकल्पिक मुआवजा देने की मांग की।
इस आंदोलन में JLKM पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक प्रत्याशी तरुण महतो भी शामिल हुए। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की और कहा कि बंगाल में हाथियों से निपटने के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन झारखंड में ऐसी कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षण और सुरक्षा उपाय क्यों नहीं किए जा रहे।
तरुण महतो ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि JLKM पार्टी उनकी लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और अगर शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो यह मुद्दा सदन तक ले जाया जाएगा। आंदोलन में शामिल महिला और पुरुष ग्रामीणों ने प्रशासन को चेताया कि यदि उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।