जमशेदपुर, 22 जुलाई 2025: झारखंड में पिछले कई वर्षों से लंबित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) के आयोजन की मांग को लेकर झारखंड स्कूली शिक्षा सुधार मोर्चा से जुड़े प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने मंगलवार को ईचागढ़ की विधायक सविता महतो को उनके उलीयान जमशेदपुर स्थित आवास में एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन देने पहुँचे अभ्यर्थियों ने बताया कि वे सभी राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों से बी.एड. अथवा डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डी.एल.एड.) पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक पूर्ण कर चुके हैं और शिक्षक पात्रता परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए पूर्णतः योग्य हैं। अभ्यर्थियों ने बताया कि झारखंड में विगत 9 वर्षों से शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं की गई है, जिससे लाखों योग्य और प्रशिक्षित युवाओं का भविष्य अधर में लटका हुआ है। अन्य राज्यों में यह परीक्षा नियमित रूप से आयोजित की जाती रही है, जबकि झारखंड में अब तक केवल वर्ष 2012 और 2016 में दो बार ही यह परीक्षा कराई गई है।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 23(1) के अनुसार, किसी भी शिक्षक की नियुक्ति से पहले पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है। मोर्चा के प्रतिनिधियों ने संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), अनुच्छेद 16 (सरकारी सेवा में समान अवसर) और अनुच्छेद 21 (जीवन और जीविका का अधिकार) का हवाला देते हुए इस परीक्षा के आयोजन में हो रही देरी को युवाओं के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताया। अभ्यर्थियों ने यह भी कहा कि राज्य सरकार द्वारा हाल ही में पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे, किंतु बिना किसी स्पष्ट कारण के उसे रद्द कर दिया गया, जिससे अभ्यर्थियों में भारी निराशा है। इस अवसर पर विधायक सविता महतो ने आश्वासन दिया कि वे इस विषय को राज्य विधानसभा में उठाएँगी तथा सरकार से टेट परीक्षा के शीघ्र आयोजन की मांग करेंगी। मौक़े पर झारखंड स्कूली शिक्षा सुधार मोर्चा के गणेश महतो, सौरभ हालदार, अरूण महतो, निताई महतो, सुबोध मांझी, देव पाण्डेय आदि उपस्थित थे।