कोलकाता: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार, 1 जून 2025 को पश्चिम बंगाल के राजारहाट, न्यू टाउन में केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) के नए भवन का उद्घाटन किया। 88 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह अत्याधुनिक सुविधा पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, ओडिशा, असम, सिक्किम और पूरे पूर्वोत्तर भारत में एविडेंस-बेस्ड क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगी। इस अवसर पर केंद्रीय गृह सचिव सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
अपने संबोधन में शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार एक सुरक्षित, पारदर्शी और एविडेंस-बेस्ड क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम का निर्माण कर रही है। उन्होंने कहा, “हमारा दायित्व है कि गरीब से गरीब व्यक्ति भरोसे के साथ थाने जा सके और उसे कम से कम समय में न्याय मिले।” उन्होंने नए आपराधिक कानूनों- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम- को क्रांतिकारी बताया, जो 160 साल पुराने औपनिवेशिक कानूनों का स्थान ले चुके हैं।
शाह ने बताया कि नए कानूनों के लागू होने के बाद 60 प्रतिशत मामलों में 60 दिन के भीतर आरोपपत्र दाखिल हो रहे हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि 7 वर्ष से अधिक सजा वाले अपराधों में फोरेंसिक टीम की जांच अनिवार्य की गई है। साथ ही, ‘ट्रायल इन एब्सेंशिया’ के जरिए भगोड़ों का ट्रायल और सजा सुनिश्चित होगी, और अंतरराष्ट्रीय समझौतों से उन्हें वापस लाया जाएगा। मंत्री ने जोर दिया कि फोरेंसिक ऑडिट से बड़े आर्थिक घोटाले उजागर हो रहे हैं और डीएनए फोरेंसिक से 20 साल पुराने मामलों में सजा हो रही है। मोबाइल फोरेंसिक, कॉल डिटेल एनालिसिस और साइकोलॉजिकल प्रोफाइलिंग से न्याय प्रणाली नए युग में प्रवेश कर रही है। उन्होंने बताया कि 17,184 थाने सीसीटीएनएस से जुड़े हैं और डेटा एकसाथ जेनरेट हो रहा है।
शाह ने कहा कि सरकार हर जिले में मोबाइल फोरेंसिक वैन और बड़े राज्यों में नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) कैंपस स्थापित कर रही है। 1300 करोड़ रुपये से 9 एनएफएसयू कैंपस और 860 करोड़ रुपये से 7 नई सीएफएसएल (उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, केरल, बिहार) बनाई जाएंगी। इसके अलावा, 2080 करोड़ रुपये से फोरेंसिक सुविधाओं का आधुनिकीकरण और 200 करोड़ रुपये से नेशनल फोरेंसिक डेटा सेंटर स्थापित होगा।
उन्होंने कहा कि क्लस्टर अप्रोच और फोरेंसिक नेटवर्क से जटिल मामलों में विशेषज्ञों की मदद मिलेगी, जिससे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में आमूलचूल परिवर्तन आएगा। जनवरी 2026 से पुलिस, पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और कोर्ट को फोरेंसिक साइंस का महत्व समझाने के लिए जागरूकता और प्रशिक्षण अभियान शुरू होगा। इस अवसर पर नारकोटिक्स व एक्सप्लोसिव संस्करण 2.0 का भी विमोचन हुआ, जो फोरेंसिक लैब्स के कार्यों को सरल बनाएगा।