सरायकेला: जिला शिक्षा अधीक्षक कैलाश मिश्रा इन दिनों ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर चर्चाओं में हैं। 9 अप्रैल 2025 को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने सरायकेला-खरसावां जिला के सभी प्रखंडों के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (BEEO) का तबादला कर दिया था, लेकिन आदेश के तीन महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अधिकांश BEEO आज भी अपने पुराने पदस्थापन पर ही जमे हुए हैं। विभागीय आदेश के बावजूद न तो प्रभार में बदलाव हुआ और न ही प्रशासन की ओर से कोई ठोस पहल देखने को मिली है। आश्चर्य की बात यह है कि 15 जुलाई 2025 को DEO द्वारा सभी BEEO को अतिरिक्त प्रभार भी दे दिया गया, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है।अब सवाल उठता है कि आखिर 9 अप्रैल को जारी ट्रांसफर आदेश का क्या हुआ? क्या वह आदेश विभाग ने रद्द कर दिया है या फिर जिले में ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर किसी तरह का ‘खेला’ चल रहा है?
सूत्रों का दावा है कि ट्रांसफर की प्रक्रिया में कार्यालय की एक संविदा महिला कर्मी की भूमिका प्रभावशाली मानी जा रही है, जिसके इशारे पर ही कई अहम निर्णय लिए जा रहे हैं। सूत्र यह भी बताते हैं कि विधानसभा सत्र के बाद DEO कैलाश मिश्रा का तबादला संभावित है, ऐसे में वर्तमान में ट्रांसफर-पोस्टिंग की यह कवायद संदिग्ध मंशा की ओर इशारा करती है।
अब क्लर्क और आदेशपाल की तबादले की तैयारी
इधर अब जिला शिक्षा अधीक्षक क्लर्क और आदेशपालों के भी बड़े पैमाने पर तबादले की तैयारी में हैं। ऐसे में यह सवाल उठना लाज़िमी है कि क्या यह प्रशासनिक प्रक्रिया मात्र है या इसके पीछे कोई आर्थिक लाभ से जुड़ी रणनीति भी छिपी हुई है?