धनबाद के पूर्व सांसद ददई दुबे का निधन, झारखंड की राजनीति में शोक की लहर

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रांची : झारखंड की राजनीति के एक मजबूत स्तंभ और मजदूरों की आवाज माने जाने वाले पूर्व सांसद व पूर्व कैबिनेट मंत्री चंद्रशेखर उर्फ ददई दुबे का गुरुवार को निधन हो गया। वे 79 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनका कुछ दिनों से दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनके निधन से न सिर्फ धनबाद और पलामू, बल्कि पूरे झारखंड की राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई है। राजनीति में अपने पांच दशक से अधिक के लंबे सफर में ददई दुबे ने जमीनी स्तर से लेकर राष्ट्रीय मंच तक खुद को एक संघर्षशील और जनप्रिय नेता के रूप में स्थापित किया। उनका राजनीतिक सफर 1970 में मुखिया बनने से शुरू हुआ, जिसके बाद 1977 से 2009 तक वे भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) के प्रतिनिधि और राष्ट्रीय कोयला मजदूर संघ के महासचिव के रूप में कोयलांचल क्षेत्र के श्रमिकों के अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहे। 1985 से 2000 तक वे बिहार विधानसभा के सदस्य रहे। इस दौरान तीन कार्यकाल तक विधायक रहने के बाद, वर्ष 2000 में राबड़ी देवी सरकार में उन्हें श्रम और रोजगार मंत्री बनाया गया।

झारखंड के गठन के बाद वे 2000 से 2004 तक झारखंड विधानसभा के सदस्य बने। इसके बाद 2004 में वे धनबाद से सांसद चुने गए और संसद में उन्होंने कोयलांचल की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। वर्ष 2013 में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार में उन्हें राज्य ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया, जहां उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की। ददई दुबे की पहचान एक निर्भीक, स्पष्टवादी और जमीन से जुड़े नेता की रही। वे हमेशा जनता के बीच रहे, चाहे वे सत्ता में हों या विपक्ष में। उनकी भाषा सरल, बातों में दम और स्वभाव में सादगी थी। कोयला मजदूरों, विस्थापित परिवारों, बेरोजगार युवाओं और ग्रामीण जनता की समस्याओं को उन्होंने हर मंच पर उठाया। मजदूर संगठन से लेकर विश्वविद्यालय सीनेट तक, वे जहां भी रहे, जनता की सेवा को प्राथमिकता दी। उनके निधन की खबर फैलते ही धनबाद, बिश्रामपुर, डालटनगंज, रांची सहित पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई।

जीवन यात्रा – एक नज़र में

जन्म: 2 जनवरी 1946

1970-1977: मुखिया

1977-2009: प्रतिनिधि, भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस

1985-2000: विधायक, बिहार विधान सभा (तीन बार)

2000: श्रम व रोजगार मंत्री, बिहार सरकार (राबड़ी देवी मंत्रिमंडल)

2000-2004: विधायक, झारखंड विधान सभा

2004-2009: सांसद, धनबाद

2013: ग्रामीण विकास मंत्री, झारखंड सरकार

महासचिव, राष्ट्रीय कोयला मजदूर संघ (इंटक)

सीनेट सदस्य, नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय

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