अहमदाबाद: 17 साल के लंबे इंतज़ार के बाद, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने आखिरकार इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 की ट्रॉफी अपने नाम कर ली। अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए फाइनल में RCB ने पंजाब किंग्स को 6 रनों से हराकर यह ऐतिहासिक जीत हासिल की। जर्सी नंबर 18, IPL का 18वां सीजन, और 17 साल का इंतज़ार—आज यह सब विराट कोहली की आंखों से अश्रुधारा बनकर बह निकला।
2008 में एक अपरिपक्व, उदंड युवा खिलाड़ी के रूप में IPL डेब्यू करने वाले कोहली आज 2025 में एक परिपक्व क्रिकेट लीजेंड बन चुके हैं। दो विश्व कप, दो चैंपियंस ट्रॉफी, और क्रिकेट में हर वो कीर्तिमान जो एक खिलाड़ी का सपना होता है, कोहली ने हासिल किया। लेकिन एक कसक बाकी थी—एक IPL ट्रॉफी। 18 साल के इस लंबे सफर में, शायद भाग्य में यही लिखा था। आज, जब चमचमाती ट्रॉफी हाथ में आई, तो यह सफर खूबसूरत लगने लगा।
मैच के बाद कोहली भावुक हो गए। उन्होंने कहा, “ये जीत तमाम फैंस और उस टीम के लिए है। मैंने अपनी जवानी, अपना प्राइम, और सारा अनुभव RCB के लिए झोंक दिया। हर सीजन मैं इस ट्रॉफी के इरादे से आया, लेकिन इसे हासिल करने में 18 साल लग गए। यकीन नहीं होता! IPL ट्रॉफी जीतना कमाल का अनुभव है।” कोहली के लिए यह जीत इसलिए भी खास है, क्योंकि 2008 से अब तक वो सिर्फ RCB के साथ रहे। धोनी और रोहित शर्मा के पास 5-5 IPL ट्रॉफी हैं, लेकिन कोहली के हाथ अब तक खाली थे।
आज हमने तीसरी बार कोहली के आंसू देखे। 2019 वनडे वर्ल्ड कप सेमीफाइनल और 2023 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल की हार में वो रोए, लेकिन आज पहली बार जीत के आंसू छलके। कोहली ने बताया कि वीर भी रोया करते हैं। इस जीत ने न सिर्फ 17 साल की कसक मिटाई, बल्कि “ई साला कप नाम दे” को मजाक से हकीकत में बदल दिया। अब RCB और कोहली IPL में मीम मैटेरियल नहीं रहे।