सिमडेगा: जब पूरा भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब सिमडेगा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क जैसी मूलभूत सुविधा का अभाव आज भी लोगों की जिंदगी को खाट पर ला खड़ा कर रहा है। बानो प्रखंड के डुमरिया मारिकेल गांव में दो दिन से प्रसव पीड़ा से जूझ रही गर्भवती सुशांति बागे को सड़क न होने के कारण 3 किलोमीटर तक खाट पर लादकर लाया गया। यह घटना न केवल एक प्रसूता की व्यथा को दर्शाती है, बल्कि एक बार फिर जिले के सिस्टम की नाकामी को खाट पर लाकर उजागर करती है।
परिजनों ने बताया कि सड़क के अभाव में वाहन गांव तक पहुंचना असंभव था। मजबूरी में सुशांति को खाट पर 3 किलोमीटर तक ले जाया गया। इसके बाद कच्ची सड़क से रौतिया सामाज प्रखंड अध्यक्ष, बानो और स्थानीय मुखिया के निजी वाहन की मदद से उन्हें बानो अस्पताल पहुंचाया गया। इस दौरान गर्भवती महिला को असहनीय पीड़ा से गुजरना पड़ा।
मामले की गंभीरता को देखते हुए सिमडेगा की उपायुक्त कंचन सिंह ने त्वरित संज्ञान लिया है। डीसी ने कहा, “मैं इस मामले को गंभीरता से ले रही हूं और व्यक्तिगत रूप से इसकी निगरानी कर रही हूं।” उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि गर्भवती महिला की उचित देखभाल सुनिश्चित की जाए। साथ ही, उन्होंने सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी जैसे मुद्दों पर ध्यान देने का आश्वासन दिया। यह घटना सिमडेगा के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की बदहाली और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच से बाहर होने की कड़वी सच्चाई को उजागर कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क के अभाव में न केवल मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता, बल्कि आपात स्थिति में जिंदगी खतरे में पड़ जाती है। इस मामले ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई और ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण की मांग को एक बार फिर तेज कर दिया है।